‘गरीबों का कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता..’, महाराष्ट्र को 7500 करोड़ की सौगात देकर बोले पीएम मोदी
शिरडी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को महाराष्ट्र में लगभग 7500 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। महाराष्ट्र के अहमदनगर में रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों का कल्याण है। उन्होंने कहा कि, ‘हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चल रही है। हमारी भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों का कल्याण है। आज जब देश की अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, तो गरीबों के कल्याण के लिए सरकार का बजट भी बढ़ रहा है। आज महाराष्ट्र में 1.10 करोड़ आयुष्मान कार्ड दिए जा रहे हैं, आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को मुफ्त इलाज दिया गया है।”
पीएम मोदी ने निलवंडे बांध का “जल पूजन” भी किया और बांध का नहर नेटवर्क राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र जिस नीलवंडे बांध का 5 दशकों से इंतजार कर रहा था, उसका काम भी पूरा हो गया है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यहां ‘जल पूजन’ करने का अवसर मिला।” पीएम मोदी ने अहमदनगर में नमो शेतकारी महासंमान निधि योजना की शुरुआत की, जिससे महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत 86 लाख से अधिक लोगों को फायदा होगा। यह योजना लाभार्थियों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान करेगी।
कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ”2014 से पहले भी आप आंकड़े सुनते थे, लेकिन वो आंकड़े क्या थे? इतने लाख का भ्रष्टाचार, इतने करोड़ का भ्रष्टाचार, इतने लाख करोड़ का घोटाला और क्या है? अब क्या हो रहा है?” उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर सिविल अस्पताल के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग की आधारशिला भी रखी। इससे पहले प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के शिरडी में श्री साईबाबा मंदिर में थे, जहां उन्होंने एसी क्लॉक रूम, शौचालय, बुकिंग और प्रसाद काउंटर से सुसज्जित नए ‘दर्शन कतार परिसर’ का उद्घाटन किया। सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, शिरडी मंदिर में नया ‘दर्शन कतार परिसर’ एक अत्याधुनिक आधुनिक मेगा इमारत है।
10,000 से अधिक की बैठने की क्षमता वाले कई प्रतीक्षालय से सुसज्जित, दर्शन कतार परिसर भक्तों के लिए आरामदायक प्रतीक्षा क्षेत्र प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने अक्टूबर 2018 में इसका शिलान्यास किया था। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, नहर नेटवर्क लगभग 182 गांवों को पानी का पाइप वितरण नेटवर्क प्रदान करेगा। निलवांडे बांध का विचार पहली बार 1970 में आया था। इस परियोजना को 5,177 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।