कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को शुक्रवार को सरस्वती पूजा के मौके पर हेट खोरी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करने के चलते भाजपा के गुस्से का सामना करना पड़ा। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और लोकसभा सांसद दिलीप घोष ने राज्यपाल पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस तरह के ड्रामे में पड़ना राज्यपाल को शोभा नहीं देता।
घोष ने कहा, मैं मानता हूं कि सभी को नई भाषा सीखने का प्रयास करना चाहिए, लेकिन राज्यपाल को किसी भी ऐसे नाटक में शामिल नहीं होना चाहिए था, साथ ही ‘हेट खोरी’ कार्यक्रम उन बच्चों के लिए है जो पढ़ना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल पहले से ही एक उच्च शिक्षित व्यक्ति हैं। मुझे लगता है कि वह किसी के द्वारा निर्देशित किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने के बावजूद ममता बनर्जी के साथ कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि हेट खोरी कार्यक्रम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षा क्षेत्र में घोटालों को छिपाने के लिए आयोजित किया जा रहा है। इन घोटालों के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के कई अधिकारी सलाखों के पीछे हैं।
घोष की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डॉ शांतनु सेन ने कहा कि राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच हालिया समन्वय भाजपा नेताओं की आंखों की चुभन बन गया है। उन्होंने कहा, राज्य में भाजपा नेता जगदीप धनखड़ जैसे राज्यपालों के साथ सहज थे, जिन्होंने उनके इशारे पर काम किया। गवर्नर हाउस-राज्य सरकार का समन्वय पूरे देश की परंपरा रही है। वर्तमान राज्यपाल उस परंपरा का पालन कर रहे हैं जिसने भाजपा नेताओं को नाराज कर दिया है।