नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में उपराज्यपाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री हूं। मैंने सब कुछ देख लिया। मैं पहली से 12वीं तक प्रथम आया। मेरे टीचर ने भी कभी ऐसे जांच नहीं कि जैसे एलजी कर रहे हैं। किस धारा में कहा गया है कि कॉस्ट एनिलाइसिस करवाएंगे। हाईकोर्ट का ऑर्डर लेकर गया था। एलजी सीधे किसी भी विषय पर आदेश दे रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि पूरे देश में सवाल उठ रहा है कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार की चलनी चाहिए या एक व्यक्ति विशेष की चलनी चाहिए। समय बहुत बलवान होता है कोई भी चीज परमानेंट नहीं होती है। बहुत सी सरकारें आईं बहुत सी सरकारें गईं है। हो सकता है कि कल केंद्र में हमारी सरकार हो। दिल्ली में एलजी हमारा हो। उस दौरान दिल्ली में भाजपा या कांग्रेस की सरकार हो सकती है। मगर हमारा एलजी ऐसे काम नहीं करेगा। हम चुनी हुई सरकार की इज्जत करते है। दिल्ली में 2 करोड़ लोग हैं।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अपने बच्चों जैसी शिक्षा दिल्ली के सभी बच्चों को देना चाहता हूं। शिक्षा पर बहुत ज्यादा खर्च किया जा रहा है। अच्छे स्कूल बनाए गए हैं। अच्छे परिणाम आ रहे हैं। शिक्षा का स्तर उठाने के लिए शिक्षकों को अच्छी से अच्छी ट्रेनिंग दी है। विदेशों में भी ट्रेनिंग दिलवाई गई है। ये पूरा परिवार हैं। इनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता हूं। जैसा मैंने अपने बच्चों को शिक्षा दी वैसे ही देना चाहता हूं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसी कड़ी में टीचर को भेजा जा रहा था। हम 30 टीचर को विदेश भेजना चाहते हैं। जब हमारे शिक्षा मंत्री ने कह दिया तो हम भेज देंगे। लेकिन एलजी ने दो बार आपत्ति लगा दी। जब हम लाइसेंस बनाने जाते हैं तो बार-बार आपत्ति लगा कर भ्रष्टाचार करते हैं। गरीबों के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से क्यों रोका जा रहा है। भाजपा और दूसरे पार्टी के नेता के बच्चे विदेश जाकर अच्छी शिक्षा लेते हैं। कोई इसका विरोध नहीं करता। हम अपने बच्चों को विदेश की शिक्षा के लिए भेजेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को बेगाने की शादी में अब्दुल्ला दीवाना करार दिया। दिल्ली वालों के टैक्स के पैसे से भेजेंगे। कौन हैं एलजी जो हमारे सिर पर आ कर बैठ गए हैं। दिल्ली सरकार के कार्यों में अड़ंगा लगा रहे हैं, जबकि उनका कोई अधिकार नहीं है। हम तय करेंगे हमारे बच्चे कहां पढ़ेंगे। एलजी के पास पावर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि तीन मुद्दों के अलावा उनके पास पावर नही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपराज्यपाल व्यक्तिगत तौर पर कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं है। वह सेवा कानून व्यवस्था और पुलिस से संबंधित मामलों में निर्णय ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार लिखा है कि एलजी के पास पावर नही हैं। मगर उपराज्यपाल सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मान रहे हैं और वे लगातार दिल्ली सरकार के काम में अड़ंगा लगा रहे हैं।
उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने केवल राय दी थी। मैं पढ़ने के दौरान टॉपर रहा था, कभी मेरे टीचरों ने मेरा होमवर्क चेक नहीं किया और उपराज्यपाल हमारी फाइल चेक कर रहे हैं जैसे वह मेरे हेड मास्टर हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कैसे बोल सकता है कि कोर्ट का ऑर्डर नहीं मानेंगे। एमसीडी में पार्षद मनोनीत करने के मामले में भी आपत्ति जताई है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री और मंत्रियों की अनदेखी करके सीधे मुख्य सचिव को आदेश दिए जा रहे हैं। वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानते। एमसीडी चुनाव में बीजेपी की हार के बाद दिल्ली सरकार के बिजली-पानी, सड़क, नाली आदि से जुड़े हुए सारे काम बंद करा दिए। सबकी पेमेंट रोक दी। उपराज्यपाल लगातार दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। अगर इनकी पेमेंट हो जाती तो दिल्ली में भाजपा की 20 सीट आती। काम रोक दिया इसलिए 104 सीट आई।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उपराज्यपाल ने कहा बीजेपी की 20 सीट भी नहीं आ रही थी, उनके कारण 104 सीट आई है। लोकसभा चुनाव में सभी 7 सीटें बीजेपी की आएंगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी चुनाव जीतेगी। भाजपा ने एलजी के साथ मिल कर सारे काम रुकवा दिए। अगर चुनी हुई सरकार के पास पावर ही नहीं है तो आजादी किस नाम की है। आजादी की लड़ाई ही इसकी के लिए थी कि जनतंत्र मजबूत हो।