what is agneepath scheme:क्या है ‘अग्निपथ’ योजना और क्यों हो रहा विरोध?
केंद्र सरकार सेना में युवाओं को भर्ती करने के लिए ‘अग्निपथ प्रवेश योजना’ (Agnipath Recruitment Scheme) लागू करने जा रही है. इससे देश के लाखों युवाओं का सेना में भर्ती होने का सपना साकार होगा. इसके तहत थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए युवाओं की भर्ती की जाएगी. अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी. सेना में शामिल होने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि युवाओं के सेना में भर्ती होने के बाद सशस्त्र बलों की औसत उम्र में कमी देखने को मिलेगी. इसके अलावा, सैनिकों के रिटायर होने के बाद सरकार पर पेंशन का पड़ने वाला बोझ भी खत्म हो जाएगा (what is agneepath scheme).
क्या है ‘अग्निपथ’ योजना (what is agneepath scheme)
केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.अग्निपथ योजना भारतीय सेना की टूर ऑफ ड्यूटी एंट्री स्कीम को दिया गया एक नया नाम है. सशस्त्र बलों ने दो साल पहले टूर ऑफ ड्यूटी योजना पर चर्चा शुरू की थी. इस योजना के तहत सैनिकों को एक शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाना है. भर्ती होने वाले युवाओं को ट्रेनिंग की जाएगी और फिर अलग-अलग फील्ड में तैनात किया जाएगा. ये स्थायी सैनिकों की नियुक्ति करने की मौजूदा प्रथा को खत्म कर देगी और इस तरह सेना में भर्ती होने की योजना में बड़ा बदलाव देखा जाएगा. सशस्त्र बलों के पास स्पेशल वर्क के लिए स्पेशलिस्ट युवाओं की भर्ती करने का ऑप्शन भी होगा. इसके तहत सेना के तीनों विंग में भर्ती की जाएगी.
युवा क्यों कर रहे विरोध
देश के कई राज्यों में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. बिहार में सबसे अधिक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है. सेना में शामिल होने की तैयारियों कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने की तैयारी करते हैं. ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की अपील की है.
योजना पर सरकार का पक्ष
अग्निपथ योजना को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बहुत सकारात्मक पहल बताया है. उन्होंने कहा कि इससे युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिलेगा. इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और इसे नौजवानों को मिलिट्री सर्विस का मौका देने के लिए लाया गया है. इससे देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इसके अलावा सेना रहते हुए मिले अनुभव से विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी भी मिल सकेगी.
अग्निपथ योजना पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स (what is agneepath scheme)
केंद्र की इस नई योजना पर रक्षा क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है. कुछ ने इसे सकारात्मक बताया है जबकि इसके विरोध में भी राय दी गई है. रिटायर्ड मेजर जनरल शेओनान सिंह ने बीबीसी से कहा कि सेना में किसी को चार साल के लिए शामिल करना पर्याप्त समय नहीं है. चार साल में छह महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे. इन्फैंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरुरत पड़ेगी.
लेफ्टिनेंट जनरल भिंडर ने माना अग्निपथ योजना सकारात्मक
दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर अग्निपथ योजना को युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर बताया है. आईएएनएस के मुताबिक उन्होंने कहा कि सेना उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर कौशल प्रदान करेगी. चार साल बाद जहां 25 फीसदी उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर सेना में शामिल किया जाएगा. वहीं शेष 75 फीसदी जो समाज में वापस जाएंगे, उन्हें कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, ताकि उन्हें अपने कौशल के आधार पर सरकारी या निजी नौकरी मिल सके.’
अग्निपथ योजना के जवानों मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय सेना देश का गौरव है और देशवासियों का अभिमान है. भारतीय सेना के जवान हमारे हीरो हैं, रोल मॉडल हैं. उन्होंने कहा कि जो जवान जो अग्निपथ योजना में सेवाएं दे चुके होंगे, उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
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