किसानों की केंद्र के साथ वार्ता आज, बैठक बेनतीजा रही तो क्या होगा अगला प्लान?

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पटियाला. हरियाणा (Haryana) पंजाब (Punjab) की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers movement) को लेकर आज किसानों की केंद्र (Center) के साथ बैठक होगी। यह बैठक चंडीगढ़ में होगी। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) शामिल हो सकते हैं। इससे पहले 14 फरवरी को हुई बैठक बेनतीजा रही थी।

वहीं, शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर किसान नेता शुभकरण की पहली बरसी मनाई गई। बड़ी संख्या में किसान नेता शंभू बॉर्डर पर पहुंचे थे। बॉर्डर पर किसान सभा भी की गई, जिसमें महिलाएं भी शामिल हुईं। किसानों ने शुभकरण को श्रद्धांजलि दी। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र के साथ शनिवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक अगर बेनतीजा रही और केंद्र ने उनकी मांगों का हल न किया, तो फिर दिल्ली कूच किया जाएगा। 25 फरवरी को 101 किसानों का जत्था वरिष्ठ किसान नेताओं की अगुवाई में दिल्ली कूच करेगा। वह शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर आयोजित श्रद्धांजलि समागम को संबोधित कर रहे थे। शंभू व खनौरी बार्डरों पर आयोजित समागमों में किसानी आंदोलन 2.0 में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि भेंट की गई।

शुभकरण को गोली मारने वालों पर नहीं हुई कार्रवाई
पंधेर ने कहा कि नौजवान शुभकर्ण सिंह को शहीद हुआ पूरा एक साल बीत गया है, लेकिन अब तक उसके सिर में गोली मारने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। किसान संगठनों की मांग है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई करके पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाए।

शुभकर्ण की कुर्बानी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत बाकी नेताओं ने कहा कि शुभकर्ण सिंह की कुर्बानी आने वाली पीढ़ियों को हक और इंसाफ के लिए लड़ने की प्रेरणा देती रहेगी। साथ ही कहा कि शनिवार को केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में पहले की तरह किसानों का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। उम्मीद है कि सरकार के मंत्रियों की ओर से इस बैठक में किसानों की मांगों के हल करने की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। पिछले एक वर्ष से देश के सभी किसानों की 100 फीसदी फसल की खरीद एमएसपी पर करवाने के लिए बॉर्डरों पर आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा किसानों को कर्ज मुक्ति करने की भी मांग है।

28 किसानों प्रतिनिधिमंडल बैठक में होगा शामिल
डल्लेवाल ने कहा कि देश के सभी किसानों के सहयोग से किसानी मोर्चे को जीत तक लेकर जाएंगे। शनिवार को दोनों मोर्चों का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मीटिंग में जाएगा। किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एमएसपी गारंटी कानून बहुत जरूरी है और यह सिर्फ मांग नहीं बल्कि समय की जरूरत है। डल्लेवाल ने साफ किया कि आंदोलन मांगों की पूर्ति होने तक जारी रहेगा।

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