नई दिल्ली: आपने शायद हाल ही में कोलेजन और बायोटिन के बारे में बहुत कुछ सुना है। खासतौर पर, हेयर और स्किन की बात होती है तो इन दोनों को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, यह देखने में आता है कि अधिकतर लोग इन दोनों को एक ही समझ लेते हैं। जबकि वास्तव में यह एक-दूसरे से पूरी तरह से भिन्न हैं और यह शरीर व स्किन पर भी अलग-अलग तरह से काम करते हैं। जहां बायोटिन विटामिन बी 7 का दूसरा नाम है।
यह एक आवश्यक विटामिन है, जिसका उत्पादन शरीर स्वाभाविक रूप से नहीं कर पाता है। जिसका अर्थ है कि इसका सेवन आहार में या पूरक के माध्यम से किया जाना चाहिए। जबकि, कोलेजन एक प्रोटीन है, और शरीर स्वाभाविक रूप से इसे अपने आप पैदा कर सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कोलेजन और बायोटिन के बीच के मुख्य अंतर के बारे में बता रहे हैं-
कोलेजन क्या है?
एक रेशेदार प्रोटीन के रूप में, कोलेजन आपकी हड्डी, उपास्थि, स्किन और अन्य कनेक्टिव टिश्यू के लिए एक स्ट्रक्चर प्रदान करता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है जो त्वचा, बालों और नाखूनों के स्वास्थ्य और मजबूती का समर्थन करता है। विटामिन सी, जिंक और कॉपर के साथ अमीनो एसिड को मिलाकर शरीर स्वाभाविक रूप से कोलेजन का उत्पादन करता है। शरीर स्वाभाविक रूप से अपना स्वयं का कोलेजन बनाता है, लेकिन एक व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोलेजन का उत्पादन धीमा हो जाता है। इस स्थिति में त्वचा में कोलेजन शरीर द्वारा उत्पादित होने की तुलना में तेजी से टूटने लगता है। इसके परिणामस्वरूप त्वचा अपनी इलास्टिसिटी और फर्मनेस खो सकती है। कोलेजन का नुकसान होने पर स्किन थिन होने लगती है और उस पर रिंकल्स या झुर्रियों नजर आने लगती हैं।
बायोटिन क्या है?
बायोटिन को विटामिन बी7 के रूप में भी जाना जाता है। बायोटिन एक बी विटामिन है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व है, लेकिन एक शरीर स्वयं नहीं बना सकता है। एक व्यक्ति को इसे भोजन या पूरक आहार से प्राप्त करना होता है। बायोटिन विभिन्न एंजाइमों को ग्लूकोज, फैटी एसिड और प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है। नतीजतन, बायोटिन की कमी से बालों का झड़ना, कमजोर नाखून और त्वचा में संक्रमण हो सकता है।
बालों के लिए कौन सा बेहतर है?
बायोटिन की कमी के प्रमुख संकेतों में से एक बालों का झड़ना है। इस स्थिति वाले लोगों में बायोटिन की खुराक लेने से बालों का झड़ना कम हो सकता है। जब बात बालों की आती है तो यकीनन आपको अपने बायोटिन इनटेक को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। बायोटिन बालों को दोबारा उगाने में भी मदद कर सकता है।
त्वचा के लिए कौन सा बेहतर है?
यदि किसी व्यक्ति में बायोटिन की कमी है, तो बायोटिन लेने से उनके बालों में ही नहीं, बल्कि स्किन की कंडीशन में भी सुधार हो सकता है। अन्यथा, कोलेजन एक बेहतर विकल्प हो सकता है। कोलेजन मुख्य रूप से आपकी त्वचा की उपस्थिति में सुधार करने में मदद करता है। खासतौर से, बढ़ती उम्र में जब शरीर में कोलेजन का उत्पादन कम हो जाता है और रिंकल्स व थिन स्किन जैसी समस्याएं होती हैं। उस समय कोलेजन पूरक लेने से आपको लाभ मिल सकता है।
कोलेजन और बायोटिन के मुख्य स्त्रोत
जब आप शरीर में कोलेजन व बायोटिन की मात्रा को बढ़ाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने आहर पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही कोलेजन युक्त और बायोटिन युक्त खाद्य स्रोतों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
कोलेजन के मुख्य स्रोत
कोलेजन सीमित खाद्य स्रोतों में पाया जाता है, जिसमें शामिल हैंः
• चिकन
• फिश
• हड्डी का सूप
इसके अलावा, शरीर में कोलेजन उत्पादन बढ़ाने के लिए, प्रोटीन, विटामिन सी, जिंक और कॉपर से भरपूर विभिन्न प्रकार के स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाएं- ये सभी कोलेजन उत्पादन का समर्थन करने के लिए जाने जाते हैं।
बायोटिन स्रोत
यदि आप अधिक बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं, तो इन चीजों का सेवन करें-
• अंडे की जर्दी
• डेयरी (चेडर चीज़, दूध, दही)
• मछली (साल्मन, सार्डिन, टूना)
• फल (सेब, एवोकाडो, केला, रसभरी)
• मेवे (मूंगफली, बादाम)
• बीज (सूरजमुखी)
• सब्जियां (ब्रोकोली, गाजर, फूलगोभी, पालक, शकरकंद)
• साबुत अनाज (दलिया, गेहूं की रोटी)