नई दिल्ली। शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में निधन हो गया है। वह लंबे समय से बीमार थे। शेयर बाजार की दुनिया में बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की जिंदगी के कई किस्से बेहद रोमांचक हैं। इन्हीं में एक किस्सा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का। दरअसल हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के दौरान राकेश झुनझुनवाला सिकुड़ी हुई शर्ट पहने थे। पीएम मोदी ने जब उनसे मुलाकात की तस्वीर ट्वीट की तो वह वायरल हो गई। जिसके बाद झुनझुनवाला से इस बारे में एक कार्यक्रम के दौरान सवाल भी पूछा गया। जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कौन सा वहां पर किसी को क्लाइंट या कस्टमर बनाना था, जो इतना ध्यान रखते।
शर्ट की सिलवटों से जुड़े सवाल के जवाब में झुनझुनवाला ने कहा था, ‘मैंने 600 रुपये देकर अपनी शर्ट प्रेस कराई थी, इसके बाद भी उसमें सिलवटें पड़ गईं तो मैं क्या कर सकता हूं? दरअसल वह शर्ट ही ऐसी थी। मुझे इससे क्या फर्क पड़ता है? मुझे कौन सा वहां क्लाइंट बनाना या कस्टमर बनाना है? मैं तो शॉर्ट्स पहनकर भी ऑफिस चला जाता हूं।’ झुनझुनवाला से मुलाकात के बीद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था, ‘वन एंड ऑनली राकेश झुनझुनवाला से मिलकर खुशी हुई। जीवंत, अतर्दृष्टिपूर्ण और भारत को लेकर बहुत आशावादी।’
बता दें कि वो पिछले लंबे समय से डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे थे और अपना अधिकतर समय व्हीलचेयर पर ही व्यतीत करते थे। झुनझुनवाला इस कदर खुशमिजाज इंसान थे कि व्हीलचेयर पर भी डांस करने लग जाते थे। दुनियाभर में जितना बड़ा उनका नाम था,वो उतने ही सहज, आशावादी और जिंदादिल इंसान थे। उनकी सादगी इसी बात से पता चलती है कि वे सिकुड़ी हुई शर्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने से नहीं हिचकिचाते थे।
राकेश झुनझुनवाला अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते थे। एक बार इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि अगर निवेश का उचित मौका है तो वह अपनी पत्नी की चूड़ियां बेचकर भी निवेश करने से नहीं घबराते। वे इतने आशावादी और पॉजिटिव इंसान थे कि 2008 में आई आर्थिक मंदी के समय में जब सभी शेयर बाजार से अपने हाथ पीछे हटा रहे थे, तब वे बाजार को लेकर पाज़िटिव थे। कोविड महामारी के दौर में जब शेयर मार्केट डूब रहा था तब भी उन्होंने अपनी पॉजिटिविटी बनाएं रखीं। धार्मिक और समाजसेवा से जुड़े कार्यों में दान देने में राकेश झुनझुनवाला हमेशा अग्रणी रहते थे और हर साल अपनी कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा दान करते थे। वे स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े कार्यों में दान देने में काफी दिलचस्पी रखते थे। एक रिपोर्ट के अनुसार वो साल में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि दान करते थे।