लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित टीले वाली मस्जिद के पास स्थित लेटे हुए हनुमान मंदिर में प्रतिमा खंडित करने का मामला प्रकाश में आया है। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने तौफीक नामक एक शख्स को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी है और भारी फोर्स तैनात कर दी है। साथ ही प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है।
मंदिर के पुजारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, दो प्रतिमाएं खंडित की गई हैं, जिसमें एक शनि देव की और दूसरी हनुमान जी की प्रतिमा है। मंगल महोत्सव पर कल मंदिर के अंदिर एक बड़ा कार्यक्रम चल रहा था और उसी दौरान एक युवक आया। शख्स ने जय श्री राम का नारा लगाया और फिर प्रतिमा तोड़ दी। जब स्थानीय लोगों ने उस युवक को पकड़ लिया, तो उसकी पहचान तौफीक के रूप में हुई।
हनुमान मंदिर के भीतर प्रतिमा तोड़े जाने की घटना पर स्थानीय MLA नीरज बोरा ने बड़ी साजिश का अंदेशा जाहिर किया है। उनका कहना है कि इसके पीछे दंगा फैलाने की साजिश हो सकती है। फिलहाल हिंदूवादी संगठनों के लोगों का मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के अमर सिंह और बजरंग दल जिला संयोजक नितेश शर्मा भी मंदिर पहुंच गए हैं।
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात गौर करने वाली है, वो ये कि, यदि किसी दूसरे धर्म पर कोई भूलवश भी टिप्पणी कर दे, तो कट्टरपंथियों की एक पूरी भीड़ सड़कों पर ‘सर तन से जुदा’ के भड़काऊ नारों के साथ खून बहाने के लिए उतर आती है। किन्तु, किसी दूसरे धर्म की आस्था को इस तरह आहत करने से पहले यही लोग एक बार भी नहीं सोचते। क्या आज भारत में ही यहाँ की उस बहुसंख्यक आबादी की आस्था का कोई सम्मान नहीं बचा ? जो सर्वे भवन्तु सुखिनः और वसुधैव कुटुंबकम के आदर्शों का पालन करती है और सभी धर्मों को समान समझती है।