सास की बेडशीट नहीं बदली गई तो स्‍वयं अस्पताल पहुंचे जज साहब, लापरवाही पर 3 कर्मचारी सस्पेंड

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प्रयागराज । प्रयागराज (Prayagraj) में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज (Allahabad High Court Judge) की सास (mother-in-law) की गंदी बेड कवर बदलने के आग्रह को ठुकराना स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के तीन कर्मियों के लिए भारी पड़ गया. अस्पताल (hospital) के प्रिंसिपल ने कार्य में लापरवाही बरतने पर दो नर्स और एक वार्ड ब्वाय को सस्पेंड (Suspend) कर दिया गया है. इस तरह की घटना के लिए अस्पताल के प्रिंसिपल ने खेद भी जताया है.

दरअसल, हृदय रोग से पीड़ित जज की सास का एसआरएन में उपचार कराया जा रहा था. मरीज को जिस वार्ड के बेड पर भर्ती कराया गया था, वहां तैनात नर्स और वार्ड ब्वाय के कार्य में शिथिलता पाई गई. दरअसल, उनकी बेडशीट गंदी थी. जज की पत्नी ने अस्पताल के कर्मचारियों से बेडशीट बदलने की गुजारिश की. लेकिन अस्पताल स्टाफ ने उनकी बात को अनसुना कर दिया.

जज की पत्नी ने अस्पताल कर्मचारियों से फिर से आग्रह किया कि वे बेडशीट बदल दें. इस पर अस्पताल स्टाफ ने जवाब दिया कि उनके पास बेड कवर नहीं है. वे चाहें तो अपने घर से बेडशीट ले आएं. इसकी जानकारी परिजनों ने जज को दी तो मामला बढ़ गया. जज खुद अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने नाराजगी जताई.

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के प्रिंसिपल को जब इसकी जानकारी मिली तो वह खुद मौके पर पहुंचे. वहां उन्होंने बेड कवर बदलवाने के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त कराईं.

जज ने प्रिंसिपल को भी इसके लिए डांटा. उन्होंने पूछा कि क्या मरीज से अस्पताल के लिए चादर मंगवाई जाती है? इस पर प्रिंसिपल ने उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगी और कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. साथ ही उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार तीन स्टाफ कर्मियों को सस्पेंड कर दिया.

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