कौन है ऊ, उसकी हैसियत क्या है, उसका क्या वैल्यू है..दिल्ली में ऐसा क्या हुआ बौखलाये नीतीश तू-तड़ाक पर उतर आए

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नई दिल्ली: आईएएस अधिकारी से लेकर राजनेता के रूप में जिस RCP सिंह ने तीन दशक तक नीतीश कुमार के साथ साये की तरह काम किया, उनके बारे में बोलने में नीतीश कुमार अब भाषायी औऱ सियासी मर्यादाओं को तार-तार कर दे रहे हैं. दिल्ली दौरे पर आये नीतीश कुमार से आज मीडिया ने आरसीपी सिंह को लेकर सवाल पूछ लिया. नीतीश ऐसे बौखलाये…अरे उसका क्या नाम ले रहे हैं. कौंची है ऊ, उसकी हैसियत क्या है, क्या वैल्यू है उसकी. मुझसे उसके बारे में सवाल मत पूछिये. हाल ये हुआ कि नीतीश के साथ मौजूद सीपीआई नेता डी.राजा ने बिहार के मुख्यमंत्री को पकड़ कर उन्हें शांत कराया।

दरअसल, आरसीपी सिंह आज सुबह ही दिल्ली से पटना आये हैं. पटना में पत्रकारों से बात करते हुए आरसीपी सिंह नीतीश कुमार पर जमकर बरसे थे. उधर दिल्ली में नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं से मिल रहे थे. नीतीश सीपीआई के महासचिव डी. राजा से मिलने गये थे. बाहर निकले तो मीडिया ने उनसे आरसीपी सिंह के बारे में सवाल पूछ लिया. नीतीश ने किस तरह जवाब दिया उसके हरेक शब्द पढिये।

नीतीश बोले

“धत्त…. उसका क्या नाम ले रहे हैं, ऊ कौंची है… अऱे क्या बात करते हैं आप लोग, आप लोगों को इ भी पता नहीं है उसको बनाया कौन राजनीति में, लाया कौन राजनीति में…. ऊ तो आईएएस था, कौन बनाया था उसको अपना प्राइवेट सेक्रेट्री. हम कहां से कहां बनाये. छोडिये न, उसको पार्टी में हम इतना दिये, और राजनीति में भी उसको जगह दिया. उसको अपनी जगह पर बना दिये अध्यक्ष, ऊ पूरा का पूरा बीजेपी के हाथ में चला गया. त उसको हटा दिये.”

बौखलाये नीतीश यहीं तक नहीं रूके. तू-तड़ाक के अंदाज में आरसीपी के बारे में लगातार बोलते रहे

“ऊ क्या बोलता है, उसके बोलने का कोई मतलब है, ऊ कहां से राजनीति में आय़ा, कौन लेकर आया…. अब ऊ क्या-क्या बोलता रहता है. तरह-तरह की बात बोलता रहता है. उस आदमी के बारे में तो आपको लोगों को पूछना भी नहीं चाहिये. उसकी हैसियत क्या है. अरे ऊ बोलता है तो बोलने न दीजिये उसको. अरे सुन लीजिये, वो बीजेपी के अंदर था….अब ऊ चला गया, जाने दीजिये उसको… उसका क्या वैल्यू है, आप लोग ई सब छोड़िये…. उसके बारे में चर्चा भी मत करिये।

नीतीश इस कदर बौखलाये थे कि उनके साथ खड़े सीपीआई के महासचिव डी. राजा भी हैरान परेशान थे. डी. राजा ने बीच में कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन नीतीश चुप नहीं हुए. उसके बाद डी. राजा ने नीतीश को पकड़ा तब जाकर बिहार के मुख्यमंत्री शांत हुए और आरसीपी सिंह को छोड़ कर सीपीआई नेताओं से अपनी मुलाकात पर बात करने को राजी हुए।

इससे पहले आज सुबह आऱसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला बोला था. आरसीपी सिंह ने कहा था कि बिहार के लोग सूखा, बाढ और अपराध से पस्त हैं औऱ नीतीश दिल्ली में मस्त हैं. नीतीश विपक्षी एकता नहीं बल्कि पक्षी एकता करा रहे हैं. पटना में केसीआर आये तो नीतीश उठ-बैठ करते रहे. दिल्ली में वे किसकी पैरवी पर विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं ये सब जान रहे हैं. आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार पर बढ़ती उम्र हावी हो गयी है।

तभी वे तू-तड़ाक की भाषा इस्तेमाल कर रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री पद पर भी वे समय काट रहे हैं. जनता दरबार लगा रहे हैं लेकिन ये बताने को तैयार नहीं है कि जनता दरबार से कितनों की समस्या का समाधान हुआ. आऱसीपी सिंह बोले कि जनता दरबार के नाम पर कितने सरकारी रूपये खर्च हो रहे हैं, इसका हिसाब देना चाहिये. आरसीपी सिंह ने कहा कि मुझे बीजेपी का एजेंट बताया जा रहा है जबकि मैंने जेडीयू के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. ये नीतीश कुमार को भी मालूम है कि मैं जहां जिसके साथ रहता हूं, पूरी इमानदारी औऱ निष्ठा के साथ रहता हूं।

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