यूक्रेन: यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूस ने भारत का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया है। रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका नाटो में भारत को शामिल करने की कोशिश कर रहा है ताकि रूस और चीन की घेरेबंदी की जा सके। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की यह कोशिश है कि किसी तरह रूस को घेरा जा सके। व्लादिमीर पुतिन के करीबी मंत्री ने कहा कि अमेरिका की ओर से जानबूझकर साउथ चाइना सी में भी विवाद को हवा दी जा रही है। उसकी यह कोशिश है कि इसके जरिए स्थानीय ताकतों को घेरा जा सके। खासतौर पर चीन और रूस की घेरेबंदी के लिए अमेरिका यह कोशिश कर रहा है।
इस दौरान लावरोव ने यूक्रेन में मिसाइल और ड्रोन अटैक किए जाने का भी बचाव किया। उन्होंने कहा कि हम ये हमले इसलिए कर रहे हैं ताकि पश्चिम की ओर से यूक्रेन को भेजे जा रहे हथियारों को रोका जा सके, जिसे वे रूस को नुकसान पहुंचाने के लिए भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका जानबूझकर चीन के आसपास के इलाकों में भी तनाव पैदा कर रहा है ताकि रूस को घेरा जा सके। उन्होंने कहा कि नाटो देश अब साउथ चाइना सी में भी वही रणनीति अपना रहे हैं, जो यूक्रेन को उकसाने के लिए शुरू की थी। उन्होंने कहा कि नाटो इन इलाकों में एक तरह से आग से खेल रहा है। उन्होंने कहा कि ताइवान और ताइवान स्ट्रेट में अमेरिका और नाटो का रवैया उकसाने वाला है।
लावरोव ने कहा कि यही वजह है कि हम चीन के साथ मिलकर युद्धाभ्यास कर रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि नाटो देशों की कोशिश है कि विस्फोटक हालात पैदा कर दिए जाएं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन को मिलाकर बने AUKUS संगठन का जिक्र करते हुए कहा कि इसका भी यही मकसद है। यही नहीं उनका कहना था कि नाटो रूस और चीन विरोधी गठबंधन में भारत को भी शामिल करना चाहता है। उसकी कोशिश है कि रूस के प्रभाव को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। लावरोव ने कहा कि यूक्रेन में दखल के जरिए अमेरिका ने रूस के सामने अस्तित्व का ही संकट पैदा कर दिया है।