Heart Attack : क्यूं आ रहे हो लोगो को हार्ट अटैक , जानिए हार्ट अटैक से बचने के उपाय
Heart Attack : आप इन दिनों हार्ट अटेक के बारे में काफी कुछ सुना होगा । हाल ही में कई सेलेब्स से लेकर आम लोगों की हार्ट अटैक की वजह से मौत हो चुकी है . हार्ट अटैक के केस भी लगातार बढ़ रहे है ।अब सवाल ये है कि आखिर हार्ट अटेक इतने क्यूं बढ़ रहे है और किस वजह से इस दिक्कत का सामना लोगो को करना पड़ रहा है । अब लोग भी हार्ट अटेक को लेकर अलग अलग वजह बता रहे हैं, जिसमें इसकी एक वजह कोरोना वायरस भी हो सकता है , कि इन दिनों हार्ट अटेक (Heart Attack Causes) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तो जानतें है इसके पीछे क्या-क्या कारण है ।
डाक्टर का कहना है की , छाती में भारीपन इसके एक लक्षण है । कई बार छाती से खिंचाव होने पर लोग यह समझते हैं कि हमें तो दिल का दौरा नहीं पड़ेगा । लेकिन, ये सिर्फ एक मिथ है. ज्यादातर हार्ट अटैक में क्लियर कट pain नहीं होता है । बस छाती में खिंचाव और भारीपन जैसा महसूस होता है । दूसरा अगर आपको दौड़ने में, चलने में या सीढ़ियों से उतने या चढ़ने में सांस में भी दिक्कत आती है तो ये भी हार्ट अटैक के लक्षण हैं.’
डॉक्टर्स ने अगर बताया अगर आपको लगता है कि दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज चल रही है , जब भी आप थक जाते हैं तो तेजी से पसीना आता है तो ये भी गभींर लक्षण है. अगर आपको लगता है कि आप बेहोश होने वाले हैं या चक्कर आना भी हार्ट संबंधी दिक्कत या स्ट्रोक की हार्ट अटैक के सकेंत हो सकते है । आप ये सारे लक्षण महसूस करते ही अपनी जांच जरुर कराए ।
सुझाव जिससे आप HEART ATTACK से बचाव कर सकते है
डॉक्टर्स बताते है कि कुछ आसन और प्राणायाम अपनाएं तो हार्ट अटैक की chances बहौत कम हो जाते है । नियमित योगाभ्यास और प्राणायाम यदि दिल की बीमारी से आशंकित कोई व्यक्ति प्रतिदिन योगा और व्यायाम करता है तो उसे हृदय रोग का खतरा 80 से 90% कम होता है । इसके लिए शशांक आसन, धनुरासन, ताड़ासन, कटिचक्रासन, वज्रासन, सूर्य नमस्कार जैसे आसनों को प्रतिदिन करना चाहिए । इसके अलावा अनुलोम विलोम, चंद्र भेदन, नाड़ी शोधन, भ्रामरी और शीत प्राणायाम इसमें बेहद लाभप्रद हैं. अंगुलियों से कुछ मुद्रा भी रोज बनाएं. दरअसल, दो अंगुलियों को आपस में स्पेशल डिजायन में मिलाने को मुद्रा कहा जाता है. ऐसी ही एक मुद्रा है जिसका नाम है अपान वायु मुद्रा. भी कहते हैं. इसमें अपने बाएं हाथ की हथेली के अंगूठे के पास वाली उंगली की ऊपर वाले हिस्से को अंगूठे की जड़ में लगाया जाता है । छोटी उंगली को छोड़कर बाकी बची दोनो उंगलियों को अंगूठे के अगले हिस्से से धीरे से मिला देते हैं. इस तरह से हृदय मुद्रा बनती है. यदि किसी को कभी भी एक भी बार दिल का दौरा पड़ा है तो इसे नियमित तौर पर करना चाहिए ।
पर लगातार एक बार में 30 से 45 मिनट लगाए रखने पर बहुत ही अधिक चमत्कारिक प्रभाव देखने को मिल सकता है
रिर्पोट – शिवी अग्रवाल