क्‍यों डूबता है शेयर बाजार में आम आदमी का पैसा? सामने आई ये बड़ी वजह

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नई दिल्‍ली: भारतीय शेयर बाजार में रिटेल इनवेस्‍टर की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. लेकिन, खुदरा निवेशक यानी आम आदमी की एक शिकायत है कि उनका पैसा शेयर बाजार में ज्‍यादा डूबता है. बाजार की ज्‍यादा समझ न होने को अधिकतर लोग इसका कारण मानते हैं. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अब खुलासा किया है कि बाजार में मौजूद हर तीन में से दो निवेश सलाहकार रजिस्‍टर्ड नहीं है.

मतलब ये स्‍टॉक मार्केट में निवेश को लेकर सलाह देने के योग्‍य नहीं हैं. ये अयोग्‍य निवेश सलाहकार ही रिटेल निवेशक का सबसे ज्‍यादा पैसा डुबोते हैं. जो इन अयोग्‍य एडवाइजरों के टिप्‍स फॉलो करते हैं, उनको खूब नुकसान होता है. एक हकीकत यह भी है कि आम निवेशक निवेश सलाहकारों की टिप्‍स पर भरोसा भी ज्‍यादा करते हैं और उन्‍हें सही और फर्जी सलाहकार की पहचान भी कम होती है.

अयोग्‍य लोगों के स्‍टॉक मार्केट में निवेश की सलाह देने का धंधा चलाने का खुलासा कोई पहली बार नहीं हुआ है. ये मुद्दा पहले भी उठा है. सेबी भी इससे अवगत है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माधबी पुरी बुच ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आएं हैं, जिसमें पाया गया कि अयोग्य निवेश सलाहकार 500 कर्मचारियों की लंबी-चौड़ी फौज के साथ लोगों को स्‍टॉक मार्केट में पैसा लगाने की राय दे रहे थे. पुरी का कहना है कि इन अयोग्‍य सलाहकारों ने अनगिनत लोगों का पैसा डुबोया है.

रिपोर्ट के अनुसार, सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि न केवल पूरे इकोसिस्टम में अधिक योग्‍य और ट्रेंड निवेश सलाहकार जोड़ने की जरूरत है. इन सभी का सेबी के साथ रजिस्टर होना भी जरूरी है. इन सलाहकारों को सिर्फ निवेश सलाह देनी चाहिए कोई ट्रेडिंग कॉल्स नहीं देनी चाहिए. माधबी पुरी बुच ने कहा कि ऐसा भी देखने में आया है कि कुछ निवेश सलाहकार ऐसे लोगों के साथ मिलकर कारोबार चला रहे हैं जो सेबी के साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं. इससे आम निवेशक का नुकसान होने की आशंका बढ़ जाती है.

सेबी चेयरपर्सन ने कहा कि सेबी जानता है कि निवेश सलाह के नाम पर क्या क्या किया जा रहा है. फर्जी निवेश सलाहकारों पर सेबी कड़ा एक्‍शन लेने वाला है. उन्‍होंने कहा कि सलाहकार के नाम पर कुछ लोग समानांतर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस चलाने से लेकर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट किराए पर देने जैसे भी का कर रहे हैं. इन पर लगाम लगाई जाएगी.

सेबी के द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक अधिकांश निवेश सलाहकार सिर्फ इक्विटी डेरीवेटिव की सलाह देते हैं और ऐसे ही ट्रेडिंग कॉल्स और टिप्स ऑफर करते हैं. इन कॉल्स में अधिकांश कॉल्स ऐसे शहरों से मिली हैं जो इक्विटी को लेकर स्पैम कॉल करने के लिए जाने जाते हैं.

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