नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी है। इस मूल्य के नोट को बैंकों में 23 मई से जमा या बदला जा सकता है। अब सवाल है कि अचानक रिजर्व बैंक ने यह फैसला क्यों लिया? इस सवाल का जवाब रिजर्व बैंक ने FAQs के जरिए दिया है। FAQs में रिजर्व बैंक ने 15 सवालों के जवाब दिए हैं। इनमें से पहला जवाब 2000 रुपये के नोट को बंद करने के फैसले पर है। वहीं, दूसरे सवाल के जवाब में उस पॉलिसी (Policy) का जिक्र है जिसके तहत यह फैसला लिया गया है।
सवाल: 2000 रुपये के नोट वापस क्यों लिए जा रहे हैं?
जवाब: भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट की शुरुआत अर्थव्यवस्था की मुद्रा आवश्यकता को शीघ्रता से पूरा करने के उद्देश्य से की गई थी। तब नोटबंदी की वजह से 500 और 1000 रुपये के नोट बंद हो गए थे। इस मकसद के पूरा होने और पर्याप्त मात्रा में अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों की उपलब्धता के साथ 2018-19 में 2000 रुपये के बैंक नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। अधिकांश 2000 रुपये मूल्यवर्ग के नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे।
यह भी देखा गया है कि इस मूल्यवर्ग का आमतौर पर लेन-देन के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। इसके अलावा मुद्रा जरूरत को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का स्टॉक पर्याप्त बना हुआ है। इसी को ध्यान में रखकर क्लीन नोट पॉलिसी के तहत 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
सवाल: क्लीन नोट पॉलिसी क्या है?
जवाब: यह आम लोगों को अच्छी गुणवत्ता वाले बैंक नोटों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए RBI द्वारा अपनाई गई एक नीति है।