मुंबई: ‘विश्व एड्स दिवस’ (World Aids Day) हर साल 1 दिसंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इन दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के लिए जागरूक करना है। साथ ही यह दिन उन लोगों की याद में भी मनाया जाता है, जिन्होंने इस गंभीर बीमारी की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया। वर्ल्ड एड्स डे (World Aids Day) मनाने का एक अलग महत्व है। इस दिन को मनाने के पीछे का मकसद यह कि लोगों को यह याद दिलाया जा सके कि अब भी लोग इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। यह दिन दुनियाभर में इस रोग से पीड़ित लोगों के प्रति अपना समर्थन दिखाने का मौका देता है। आइए जानें वर्ल्ड एड्स डे की थीम, इतिहास और महत्व के बारे में-
जानकारों के अनुसार, इस दिन के इतिहास की तो एड्स डे मनाने की शुरुआत साल 1988 में हुई थी। उस साल डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का ऐलान किया था। दरअसल, साल 1981 में एड्स का पहला केस सामने आने के बाद लोगों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत थी। ऐसे में लोगों को इस गंभीर और भयावह बीमारी के प्रति जागरूक करने और शिक्षित करने के मकसद से डब्ल्यूएचओ हर साल एड्स डे मनाने का ऐलान किया। इस दिन लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए तरह-तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती है। साथ ही इस दिन लोग लाल रंग का रिबन पहनकर इस बीमारी से पीड़ित लोगों का समर्थन करते हैं।
विश्व एड्स दिवस पर इस साल की थीम “Let Communities Lead” का उद्देश्य एड्स से प्रभावित समुदायों को नेतृत्व करने की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह थीम इस बात पर प्रकाश डालती है कि एड्स से प्रभावित लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवाज उठाने और कार्रवाई करने में सक्षम बनें। एड्स से प्रभावित लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार के समान अवसरों तक पहुंच होनी चाहिए। जिससे WHO के मुताबिक इस थीम का मकसद पूरा हो सके।
रिपोर्ट लेट कम्युनिटीज लीड में, यूएन एड्स का लक्ष्य है कि दुनिया 2030 तक एड्स को पब्लिक हेल्थ के खतरे को खत्म कर सकती है, लेकिन यह केवल तभी संभव है जब इस अभियान में कम्युनिटी को पूरी तरह से शामिल किया जाए और नेतृत्व करने के लिए फंड किया जाए। यह इस बात पर गौर करता है कि कैसे कम फंडिंग से एड्स को खत्म किया जा सकता हैं। विश्व एड्स दिवस पर ‘समुदायों को नेतृत्व करने दें’ के विषय पर, एचआईवी की प्रतिक्रिया के साथ-साथ बड़े पैमाने पर ग्लोबल हेल्थ को सुधारने में मदद कर सकते हैं।