व्रत में क्यों नहीं खाते लहसुन-प्याज और क्‍या है तामसिक भोजन

0 109

उज्‍जैन (Ujjain)। आपने अपने आस- पास ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो लहसुन और प्याज (Garlic and Onion) का सेवन नहीं करते हैं। कुछ लोग रोजमर्रा की ज़िन्दगी में, तो कई व्रत या त्योहारों के दौरान तामसिक खाने से परहेज करते हैं। हिंदू धर्म (Hindu Religion) में ब्राह्मणों के अलावा कई लोग लहसुन और प्याज खाने से बचते हैं,

हिंदू धर्म में लोग एकादशी, व्रत या त्योहारों में लहसुन –
प्याज का सेवन नहीं करते लेकिन इसके पीछे की असली वजह क्या है? अगर बात करें शास्त्रों की तो, शास्त्रों के मुताबिक सनातन परंपरा के अनुसार भोजन को तीन भागों में बांटा गया है। सात्विक भोजन, राजसिक भोजन और तामसिक भोजन, तीनों प्रकार के भोजन का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।

सात्विक भोजन एक शुद्ध शाकाहारी आहार है। जिसमें मौसमी ताजे फल, भरपूर मात्रा में ताजी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, अंकुरित अनाज, शहद, ताजी जड़ी-बूटियां, दूध और घी शामिल होते हैं जो पशु रेनेट से मुक्त होते हैं। इसलिए सात्विक भोजन करने से तन मन अच्छा होता है। राजसिक भोजन यानी अधिक मिर्च और तेज मसालों, अंडे, मछली आदि चीजों से युक्त भोजन होता है। इसके अंतर्गत मांसाहार भी होता है, सिर्फ वही मांसाहारी जो वर्जित नहीं होता। ऐसा माना जाता है की राजसिक भोजन करने वाले लोग ज्यादा तर चंचल मन के होते हैं और उनके जीवन में स्थिरता बहुत कम देखने को मिलती है।

अब बात आती है तामसिक भोजन की-
तामसिक भोजन में मांस, लहसुन और प्याज के साथ खूब तेल-मसालों का प्रयोग किया जाता है। ऐसा मानना है की तामसिक भोजन करने वालों में रक्त प्रवाह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या कम हो जाता है। जिसके कारण ऐसे लोगों में गुस्सा, अहंकार, उत्तेजना देखने को मिलती है। साथ ही यह लोग काफी आलसी और अज्ञानी माने जाते हैं। इसी कारण ब्राह्मणों के अलावा पूजा पाठ करने वाले लोग इसका सेवन नहीं करते हैं। इसलिए लोगों को व्रत या त्योहारों जैसे पवित्र दिनों पर लहसुन और प्याज जैसे तामसिक खाना न खाने की सलाह दी जाती है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.