महिला आरक्षण बिल पेश, पास होने पर 2024 तक लागू होना मुश्किल, क्यों 2029 तक मिलेगा इसका लाभ, जानें यहां

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नई दिल्ली: अब जब महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill) लोकसभा में बीते मंगलवार को पेश हो गया है।वहीं इस बिल के पास होने की पूरी उम्मीद भी है। हालांकि सूत्रों के अनुसार, बिल के कानून बनने के बाद भी महिलाओं को आरक्षण का लाभ 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं मिल सकेगा। हो सकता है इस लाभ को पाने के लिए उनको 2029 के लोकसभा चुनावों तक इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि वहीं राज्यों के विधानसभा चुनाव में महिलाओं को इस कानून के तहत आरक्षण का लाभ साल 2029 के पहले मिल सकता है, लेकिन शर्त यही है कि, जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया तब तक पूरी हो चुकी हो।

जी हां, इस साल के विधानसभा चुनाव या 2024 के आम चुनाव में महिला आरक्षण लागू होना तो मुश्किल है। क्योंकि मसौदे के मुताबिक, कानून बनने के बाद पहली जनगणना और परिसीमन में महिला आरक्षित सीटें तय होंगी। वहीं 2021 में होने वाली जनगणना ​अब तक नहीं हो सकी है। इसे ऐसा समझें कि, जनगणना और परिसीमन के बाद ही यह कानून लागू हो पाएगा। इधर इस जनगणना में ही कम से कम 2 साल लगेंगे। इसके बाद ही इसका परिसीमन संभव है, लेकिन मौजूदा कानून के तहत अगला परिसीमन 2026 से पहले नहीं हो सकता। ऐसे में 2027 में 8 राज्यों के चुनाव व 2029 के आम चुनाव से ही यह ठीक से लागू हो पाएगा।

राज्यों की भी सहमति जरूरी
देखा जाए तो अनुच्छेद 368 के मुताबिक, संविधान संशोधन बिल के लिए कम से कम 50% राज्यों की सहमति जरूरी है। फिलहाल देश के 16 राज्यों में NDA की सरकार है। 11 राज्यों में इंडिया गठबंधन और 3 राज्यों में अन्य दलों की सरकारें हैं। हा​लांकि, ज्यादातर पार्टियां इसके समर्थन में हैं, इसलिए दिक्कत नहीं।

विपक्ष दे रहा साथ, लेकिन…
यह भी बताते चलें कि, महिला आरक्षण बिल में OBC कोटा न होने से विपक्ष के साथ ही BJP में भी सवाल उठे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि, इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी महिलाओं का आरक्षण भी निश्चित होना चाहिए।

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