नई दिल्ली: टेस्ट के बाद वनडे सीरीज में भी टीम इंडिया ने बेहतरीन शुरुआत की. पहले वनडे में भारत ने वेस्टइंडीज को पांच विकेट से हरा दिया. बारबाडोस में वेस्टइंडीज की टीम को भारत के गेंदबाजों ने सिर्फ 114 रनों पर ढेर किया और उसके बाद मैच 22.5 ओवर में पांच विकेट खोकर जीत लिया. वैसे आपको बता दें टीम ने जीत तो हासिल की लेकिन रोहित एंड कंपनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर काफी नाराजगी है. नाराजगी की वजह संजू सैमसन हैं जिन्हें पहले वनडे मैच में मौका नहीं दिया गया.
वेस्टइंडीज के खिलाफ जब टीम इंडिया ने अपनी प्लेइंग इलेवन का ऐलान किया तो उसमें सैमसन का नाम नहीं था. सैमसन की जगह विकेटकीपर-बल्लेबाज इशान किशन को चुना गया और मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की जिम्मेदारी सूर्यकुमार को दी गई. संजू के टीम में ना होने से फैंस नाराज हो गए और उन्होंने प्लेइंग इलेवन पर सवाल खड़े कर दिए. लोगों का सवाल था कि आखिर 60 से ज्यादा की वनडे औसत रखने वाले संजू सैमसन को क्यों नहीं खिलाया जा रहा है? क्या वजह है कि सैमसन से खराब औसत वाले खिलाड़ियों को मौके पर मौके मिल रहे हैं? आइए हम आपको बताते हैं इसकी वजह.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि संजू सैमसन बेहतरीन खिलाड़ी हैं लेकिन मिडिल ऑर्डर की बात करें तो सूर्यकुमार यादव उनसे थोड़ा आगे जरूर हैं. वजह ये है कि सूर्यकुमार यादव के पास स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ ज्यादा शॉट्स हैं. वो कुछ ऐसे शॉट्स खेलते हैं जिससे गेंदबाजों की लाइन लेंग्थ बिगड़ जाती है और इसका फायदा उनके साथी खिलाड़ी को भी मिलता है. वहीं दूसरी ओर संजू सैमसन स्पिन से ज्यादा पेस बॉलर्स के खिलाफ ज्यादा मारक हैं. शायद यही वजह है कि मैनेजमेंट सूर्यकुमार यादव को बैक कर रहा है.
संजू सैमसन के बाहर होने की दूसरी वजह ये भी है कि वो अकसर टीम से इन और आउट होते रहे हैं. पहले वनडे में टीम इंडिया ने इशान किशन को विकेटकीपर-बल्लेबाज के तौर पर चुना. इसकी वजह ये है कि ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में खेल रहा है. इस खिलाड़ी ने वनडे में दोहरा शतक लगाया है और टी20-टेस्ट में भी उन्होंने अबतक प्रभावित किया है. तो जाहिर तौर पर जो खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट में इंप्रेस कर रहा हो तो उसे ही टीम मैनेजमेंट बैक करेगा.
टीम गेम में सिर्फ परफॉर्मेंस ही सबकुछ नहीं होती है. इन खेलों में टीम मैनेजमेंट की सोच और उसका किस खिलाड़ी पर भरोसा है ये भी काफी मायने रखता है. अगर कोई खिलाड़ी लगातार फ्लॉप हो रहा हो लेकिन अगर टीम मैनेजमेंट को उसपर भरोसा हो तो वो उसे ज्यादा से ज्यादा मौका देती है. इंग्लैंड के टेस्ट ओपनर जैक क्राउली इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. टेस्ट क्रिकेट में वो काफी बार फेल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद इंग्लिश टीम मैनेजमेंट उन्हें मौके देता है और हाल ही में उन्होंने मैनचेस्टर टेस्ट में शतक ठोका. भारत के कप्तान रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा को भी करियर के शुरुआती दिनों में ऐसे ही बैक किया था. वनडे क्रिकेट में कुछ ऐसा ही सूर्यकुमार यादव के साथ है. वो वनडे में लगातार फ्लॉप हो रहे हैं लेकिन भारतीय टीम उन्हें बैक कर रही है क्योंकि टी20 में वो नंबर 1 बल्लेबाज बने हैं. ये भरोसा अबतक संजू सैमसन को नहीं मिला है तो ऐसे में साफ है कि इस खिलाड़ी को अभी रेगुलर खेलने के लिए थोड़ा इंतजार करना ही होगा.