नई दिल्ली : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश में नीतिगत सुधार, शासन, क्षमता निर्माण, डिजिटलीकरण और सार्वजनिक सेवा वितरण स्थापित करने में भारत से मदद मांगी है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने एक प्रेस बयान जारी कर ये जानकारी दी है।
नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस (NCGG) के महानिदेशक भरत लाल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने नीतिगत सुधार, सुशासन, डिजिटलीकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण, संस्था निर्माण और सुनिश्चित सार्वजनिक सेवा वितरण जैसे विषयों पर चर्चा की। इस दौरान श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने भारत के सामाजिक आर्थिक विकास और उच्च आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के तरीकों की प्रशंसा की।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मीटिंग में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने बताया कि हाल की आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने और देश को उच्च आर्थिक विकास के रास्ते पर लाने की उनकी रणनीति क्या है? उन्होंने एनसीजीजी से श्रीलंका में शासन और लोक नीति विश्वविद्यालय स्थापित करने में मदद करने का भी आग्रह किया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति कार्यालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक के दौरान भरत लाल ने सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से सार्वजनिक सेवा मुहैया कराने में भारत की सफलता को साझा किया, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण प्रगति और लागत बचत हुई। विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों पक्षों ने प्रभावी निगरानी उपायों को लागू करके देश की सिविल सेवाओं की क्षमता बढ़ाने और सरकारी संस्थानों के प्रदर्शन में सुधार करने के तरीकों पर भी चर्चा की।