नईदिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार (Supreme court gets two more judges) की नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए थे। आज इन्होंने शपथ ग्रहण किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY chandrachud) ने सोमवार को देश की शीर्ष अदालत के दो नए न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार (Supreme court gets two more judges) की नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। सुबह साढ़े 10 बजे शपथ ग्रहण के बाद दोनों जजों को औपचारिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के जज पर नियुक्त किया गया। दोनों जजों की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या निर्धारित अधिकतम रुप में 34 हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह 10.30 बजे शपथ ग्रहण समारोह के बाद नए जजों को शामिल किया गया। शुक्रवार को कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर शीर्ष अदालत में नई नियुक्तियों की घोषणा की थी। न्यायमूर्ति बिंदल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अलग किया गया था।
इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद, देश की सर्वोच्च अदालत मुख्य न्यायाधीश सहित 34 न्यायाधीशों की अपनी पूरी ताकत हासिल कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 31 जनवरी को पदोन्नति के लिए केंद्र को उनके नामों की सिफारिश की थी। 16 अप्रैल, 1961 को पैदा हुए न्यायमूर्ति बिंदल को इस साल अप्रैल में 62 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद कार्यालय छोड़ना था, हालांकि, उनकी पदोन्नति के कारण सुप्रीम कोर्ट में, उसके पास अब सेवा में तीन और वर्ष हैं।
बता दें कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है, जबकि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार का जन्म 14 जुलाई, 1962 को हुआ था और वह जुलाई 2023 में 61 वर्ष के हो जाएंगे।