मोदी सरकार के इस बड़े फैसले से तेल की कीमतें नहीं बिगाड़ेंगी रसोई का बजट

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नई दिल्‍ली : खाद्य तेल की कीमतों को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। तेल के आयात शुल्क में छूट की सीमा सरकार ने मार्च 2025 तक बढ़ा दी है। इस फैसले से फिलहाल एक साल तक आम जनता को खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से राहत मिलेगी। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जून में कच्चा पॉम ऑयल, कच्चा सूरजमुखी तेल और कच्चा सोयाबीन तेल के लिए आयात शुल्क में छूट की सीमा मार्च 2024 तय की थी।

वनस्पति तेल और रिफाइंड ऑयल की खपत के मामले में भारत दूसरे स्थान पर:बीते दिनों देश की थोक और खुदरा महंगाई दरों में काफी उछाल आया था। इसके पीछे का मुख्य कारण खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी होना थी। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही थी कि खाद्य तेल की कीमतें भी बढ़ सकती है, लेकिन सरकार के इस फैसले से देश में खाद्य तेल की कीमतों को काबू रखने में काफी मदद मिलेगा। बता दें भारत दुनिया में वनस्पति तेल और रिफाइंड ऑयल की खपत के मामले में दूसरे स्थान पर है। देश में खाद्य तेलों की यह जरूरत हर साल दो तिहाई आयात से पूरी होती है।

केंद्र सरकार ने जून 2023 में रिफाइंड सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 17.5 पर्सेंट से घटाकर 12.5 पर्सेंट कर दिया था। इससे पहले खाद्य तेल पर लगने वाला आयात शुल्क 32.5% था, जिसे अक्टूबर 2021 में घटाकर 17.5 पर्सेंट किया गया था। सबसे अधिक पाम ऑयल और इससे जुड़े अन्य उत्पाद इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड से आयात किए जाते हैं। भारत में ज्यादातर सरसों, पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी से निकलने वाला तेल खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से आयात होता है।

सरकार ने गन्ने के रस से बने शीरा के निर्यात पर 50 पर्सेंट शुल्क लगा दिया है। यह इथेनॉल उत्पादन का प्रमुख घटक है। सरकार ने चालू सीजन में चीनी उत्पादन में गिरावट के बीच यह कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह शुल्क 18 जनवरी से प्रभावी होगा। इस कदम का उद्देश्य घरेलू भट्टियों के लिए शीरा की उपलब्धता को बढ़ावा देना और सरकार के इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने में मदद करना है।

सरकार का लक्ष्य चालू वर्ष में पेट्रोल के साथ 15 पर्सेंट इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करना है, जिसके लिए 690 लीटर इथेनॉल की आवश्यकता होगी। भारत वियतनाम, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड और फिलीपींस सहित देशों को शीरा निर्यात करता है। तीन राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात शीरा का निर्यात करते हैं।

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