नई दिल्ली: किसानों ने 6 मार्च यानी आज के लिए दिल्ली कूच की बात कही थी. अपनी कही बात के मुताबिक आज किसान, मजदूर और आदिवासी, ट्रेनों और बसों में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए. इसी बीच अब 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर देशभर से बड़ी संख्या में महिलाएं शंभू और खनौरी पहुंचेंगी. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आज इस बारे में जानकारी दी.
13 जनवरी से शुरू हुए किसान आंदोलन 2.0 ने अब गति पकड़ ली है. आज किसान ट्रेनों और बसों में चढ़कर दिल्ली के लिए रवाना हुए. आज आंदोलन के 23वें दिन किसान नेताओं की प्रेस वार्ता में इस बात पर जोर दिया कि अब किसान रुकेंगे नहीं. अब वह 10 मार्च को रेल रोको अभियान भी करेंगे, साथ ही 8 तारीख को देशभर से महिलाएं शंभू और खनौरी पहुंचेंगी.
प्रेस वार्ता में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आज हुए पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर पुलिस ने उनको रोक दिया. पंधेर ने कहा कि यूपी के फिरोजाबाद से ट्रेन से एक जत्था दिल्ली आया जबकि राजस्थान के बहरा में 50 किसानों को हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि कोटा से ट्रेन से दिल्ली जा रहे किसानों को सवाई माधोपुर में राजस्थान पुलिस ने हिरासत में ले लिया. इसके अलावा कई जगहों से किसानों के अलग-अलग जत्थे रवाना हो गए हैं. सरदार सरवन सिंह पंधेर ने भाजपा सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि जो साथी ट्रेन से दिल्ली आना चाहते थे उन्हें भाजपा सरकार ने अनुमति क्यों नहीं दी? इससे दो बातें साफ हैं एक तो यह कि सरकार किसानों को दिल्ली आने नहीं देना चाहती और दूसरा यह कि किसानों का यह आंदोलन सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे भारत में फैला हुआ है.
पंधेर ने आगे कहा कि 10 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पंजाब समेत बाकी दल देशभर में रेल रोकेंगे. पंजाब के 22 जिलों में रेल रोकी जाएंगी. आज हरियाणा के रोहतक में सरब खाप पंचायत हुई थी. सरवन सिंह पंधेर खुद देवीदास में ट्रेन रोकेंगे. इसके अलावा बाकी की जानकारी देते हुए एडवोकेट अशोक बुलारा ने बताया कि सरब खाप पंचायत ने किसान आंदोलन को पूरा समर्थन देने का फैसला किया है और पंचायत ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि जब तक कोई ठोस समाधान नहीं होगा तब तक संघर्ष जारी रहेगा.