नई दिल्ली : अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से महिलाओं को कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अब तालिबानी हुकूमत ने उनके लिए उच्च शिक्षा पर रोक लगा दी है। इसके बाद से यहां की महिलाओं में आक्रोश है।
सरकार के फैसले के खिलाफ बड़े स्तर पर महिलाएं काबुल में विश्वविद्यालय के बाहर इकट्ठा हुईं और तालिबानी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 23 वर्षीय छात्रा अमिनी का कहना है कि हम सभी पिंजरे में बंद पंक्षियों की तरह महसूस कर रहे हैं। हम एक दूसरे को गले लगाते हुए रो रहे हैं और कह रहे हैं कि हमारे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है। अमिनी अपनी तीन बहनों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं थीं। इनमें से दो पर माध्यमिक शिक्षा के लिए प्रतिबंध है।
बता दें, तालिबानी सरकार ने महिलाओं के अधिकारों पर नकेल कसते हुए मंगलवार को एक फरमान जारी किया था। कहा गया था कि निजी व सार्वजानिक विश्वविद्यालयों में महिला छात्रों का प्रवेश तत्काल प्रभाव से रोका जाता है। यह आदेश अगली सूचना तक जारी रहेगा।
अफगानिस्तान में शीतकालीन अवकाश के चलते विश्वविद्यालय पहले से ही बंद थे। हालांकि, अभी तक छात्र एवं छात्राएं लाइब्रेरी में जाकर पढ़ सकते थे, लेकिन इस आदेश के बाद महिलाओं पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है।
महिलाओं के अधिकारों को लेकर तालिबानी हुकूमत के नए आदेश के खिलाफ पुरुष छात्र भी उतर आए हैं। जलालाबाद के पूर्वी शहर में, कुछ पुरुष छात्रों ने फैसले के विरोध में अपनी परीक्षा छोड़ दी। वहीं, काबुल में एक पुरुष छात्र का कहना है कि मेरी बहन कंप्यूटर विज्ञान की छात्रा है। मैंने इस आदेश के बारे में उसे सूचिति नहीं किया था क्योंकि, मुझे पता था कि इस आदेश से उसे गहरा धक्का लगेगा।
वहीं, काबुल में विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहीं पांच छात्राओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। खबर है कि इस मामले में तीन पत्रकारों को भी हिरासत में लिया गया है। बता दें, सत्ता में उनकी वापसी के बाद तालिबान ने महिला अधिकारों की वकालत की थी। हालांकि, बाद में उसने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लागू कर दिए।