World Bipolar Day: आज, जाने क्या होता है बाइपोलर डिसऑर्डर…
World Bipolar Day : अक्सर ऐसा होता है कि महिलाएं बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती हैं। खुद को प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति की बहू बता देती है। तो कभी अचानक ही कभी इतना लॉ फील करने लगती है, कि उनसे बुरा कोई नहीं है, उन्हें कुछ नहीं आता और आत्महत्या के ख्याल आने लगते हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर कई बार हम मजाक में किसी महिला को ‘सनकी’ कह देते हैं। पर यह सभी लक्षण बाइपोलर डिसऑर्डर के है।
बाइपोलर डिसऑर्डर जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें दो ध्रुव होते हैं। पहले में इंसान खुद को बहुत महान समझता है, और दूसरे में बिल्कुल बेकार।
आज वर्ल्ड बाइपोलर डे पर जानते हैं, कि वे महिलाएं जिनका बार-बार मूड स्विंग होने पर समाज में लोगों ने सनकी का टैग दे देते हैं, उन्हें यह सनक क्यों होती है और इसका इलाज क्या है।
महिलाएं कैसे पहचानें बाइपोलर डिसऑर्डर?
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) का कहना है कि बाइपोलर डिसऑर्डर को मूड डिसऑर्डर भी कहा जाता है। इस डिसऑर्डर में मन कभी खुश होता है तो कभी उदास। बहुत खुश वाले हिस्से को मेनिया कहते है और बहुत दुखी वाले को डिप्रेशन कहा जाता है। इस तरह बाइपोलर डिसऑर्डर को मेनिया और डिप्रेशन दो कैटिगरी में रखा जाता है।
मेनिया के लक्षण
• बिना किसी कारण उत्तेजित होना
• खुद को भगवान समझना
• अवास्तविक योजनाएं होना
• कभी कभी ज्यादा धार्मिक हो जाना
• डिमांडिंग हो जाना
• बहुत ज्यादा खुशी होना
• बहुत ज्यादा दुखी होना
डिप्रेशन के लक्षण
• खुद को किसी काम का नहीं समझना
• निराशा में जीना
• सोचने-समझने का स्तर धीमा हो जाना
• बहुत ज्यादा खाना या बहुत कम खाना
• प्रोडक्टिविटी कम हो जाना
• आत्महत्या के विचार आना
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज क्या है?
बाइपोलर डिसऑर्डर में दवाओं के अलावा साइकोथेरेपी से इलाज होता हैं।
रिपोर्ट- तान्या अग्रवाल