विश्व मधुमेह दिवस: क्यों होती है डायबिटीज, इस बीमारी को कैसे कर सकते हैं कंट्रोल? जानें

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New Delhi: विश्व मधुमेह दिवस (WDD) हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता है. इस साल विश्व मधुमेह दिवस की थीम है- ‘बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना’. यह मधुमेह जैसी घातक बीमारियों के जोखिम को कम करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. इस थीम का आशय यह सुनिश्चित करना है कि डायबिटीज से पीड़ित सभी लोगों तक न्यायसंगत, व्यापक, किफायती और गुणवत्तापूर्ण उपचार आसानी से पहुंच सके.

विश्व मधुमेह दिवस का अपना खास महत्व है. इसका मकसद बीमारी का शीघ्र पता लगाना और नियमित परीक्षण का महत्व बताना है. यह एक जागरूकता अभियान है. मधुमेह से पीड़ित बहुत से लोग अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं, जिसकी वजह से उनके साथ गंभीर मुश्किलें पैदा होती हैं.

मधुमेह के प्रकार

मधुमेह के सबसे आम प्रकारों में शामिल हैं: टाइप 2 मधुमेह;

इस प्रकार के मधुमेह में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है और/या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन (इंसुलिन प्रतिरोध) के प्रति सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं.

टाइप 1 मधुमेह

टाइप 1 मधुमेह में शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है. वास्तव में यह शर्करा को नियंत्रित करने और रोगी के जीवित रहने दोनों के लिए जरूरी है.

गर्भावस्थाजन्य डायबिडीज

कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में गर्भकालीन मधुमेह विकसित होता है. गर्भ के दौरान मधुमेह से पीड़ित महिला को जीवन के बाद के चरण में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने का अधिक खतरा रहता है. सावधानी की जरूरत होती है.

डायबिडीज के लक्षण

मधुमेह के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: शुष्क मुंह और प्यास का बढ़ना, बिना कारण वजन घटना, बार-बार पेशाब आना, विजन घटना, थकान, हाथ या पैर में सुन्नता, कट और घाव का धीमी गति से ठीक होना.

डायबिडीज की वजहें

मोटापा या अधिक वजन होना, उम्र 45 साल से अधिक होना, परिवार के सदस्य को टाइप 2 मधुमेह हो, शारीरिक गतिविधियों में कमी, चयापचय संबंधी शिथिलता से संबंधित स्टीटोटिक यकृत रोग (एमएएसएलडी), तनाव, पिछली गर्भावस्था के दौरान गर्भकालीन मधुमेह का इतिहास, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का इतिहास.

डायबिडीज का निदान

तीन तरह से टेस्ट ब्लड ग्लूकोज लेवल को मापने में मदद कर सकते हैं: खाली पेट ब्लड ग्लूकोज टेस्ट, पोस्ट प्रैंडियल ब्लड ग्लूकोज टेस्ट, ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट या एचबीए1सी, पिछले 3 महीनों में औसत ब्लड ग्लूकोज स्तर प्रदान करता है.

डायबिडीज प्रबंधन के लिए जरूरी उपाय

भले ही मधुमेह के आनुवांशिक और ऑटोइम्यून रूपों को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन कुछ कदम प्रीडायबिटीज, गर्भकालीन मधुमेह और टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.

वे इस प्रकार हो सकते हैं: स्वस्थ, संतुलित आहार लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें (सप्ताह में कम से कम 5 दिन रोजाना 40 मिनट व्यायाम करने का लक्ष्य रखें), स्वस्थ वजन प्राप्त करने के लिए काम करें, तनाव और चिंता का प्रबंधन करें, शराब का सेवन सीमित करें, पूरी नींद लें, धूम्रपान छोड़ें, हृदय के लिए मौजूदा जोखिम कम करने के लिए डॉक्टर के निर्देशानुसार दवाएं लें.

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