Chaitra Navratri 2022 : नवरात्री के तीसरे दिन करे ऐसे पूजा , बरसेगा धन
Chaitra Navratri 2022 : नवरात्रि के नौ दिनों तक मां आज नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का बड़ा महत्व होता है । इस दिन मां चंद्रघंटा के विग्रह की पूजा-आराधना की जाती है। देवी मां की ये शक्ति यानि मां चंद्रघंटा शत्रुहंता के रूप में विख्यात हैं। ऐसे में 4 अप्रैल 2022, सोमवार के दिन चैत्र नवरात्र तृतीया है। माना जाता है कि देवी चन्द्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से शांति और शक्ति मिलती है । नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी माता के तीसरे रूप मां चन्द्रघण्टा की पूजा अर्चना करते है ।
जानते है मां चंद्रघंटा से जुड़ी कथा, पूजा विधि, महत्व , मंत्र और आरती के बारे में
मां चंद्रघंटा की पूजा करने की विधि
सर्वप्रथम ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़के
अब मां चंद्रघंटा का ध्यान करें और उनके समक्ष दीपक जलाए
अब माता रानी को अक्षत, सिंदूर, पुष्प आदि चीजें चढ़ाए
इसके बाद मां को प्रसाद के रूप में फल और मखाने की खीर का भोग लगाए
अब मां चंद्रघंटा की आरती करें
पूजा के पश्चात क्षमा याचना करें।
मां चंद्रघंटा का आराधना मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
मां चंद्रघंटा की आरती
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
क्रोध को शांत बनाने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली॥
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्रघंटा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये।
श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।
शीश झुका कहे मन की बाता॥
पूर्ण आस करो जगत दाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥
कर्नाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटू महारानी॥
भक्त की रक्षा करो भवानी।
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रिर्पोट – शिवी अग्रवाल