योगी सरकार ने किया ट्रांसफर पोस्टिंग नीति में बदलाव, ट्रांसफर की तारीख से एक हफ्ते के भीतर ज्वाइन करना अनिवार्य
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जब से दोबारा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की कमान सभाली है, तब से एक के बाद एक तोबड़तोड़ फैसले करते जा रहे है। इसी क्रम में प्रदेश में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग नीति (Transfer and Posting Niti) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए है। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) ने ट्रांसफर नीति को लेकर 17 सूत्रीय गाइड लाइन जारी की है। जिसमें यह कहा गया है कि ट्रांसफर होने के एक सप्ताह के भीतर यदि कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी दूसरी जगह ज्वाइन नही करता तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाई की जायेगी।
कब, कहा और कितने साल करनी होगी नौकरी
प्रदेश के मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि ट्रांसफर में सबसे पहले ग्रुप ए अथवा ग्रुप बी को प्राथमिकता दी जायेगी, साथ ही एक जिले में कम से कम 3 साल एवं मंडल में 7 साल की नौकरी यदि पूरी कर ली है, तो ट्रांसफर होना मुश्किल है। किसी अन्य परिस्थित में सीएम कार्यालय से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस प्रक्रिया की समय सीमा को तय करने के लिए 31 मार्च की तारीख निर्धारित की गई है।
दिव्यांग बच्चों के परिजनों को राहत
प्रशासन ने दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को राहत देते हुए उनका ट्रांसफर डॉक्टर के परामर्श के बाद किए जाने का प्रावधान किया है। जिसकी समय सीमा 30 जून निर्धारित की गई है। 30 जून के बाद यदि कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी ट्रांसफर के लिए आवेदन करता है, तो उसको संबधित मंत्री या फिर सीएम कार्यालय से अनुमति लेनी होगी।
अच्छे काम के लिए इच्छा अनुसार ट्रांसफर
लोवर ग्रुप (ग्रुप सी और ग्रुप डी) के लिए ट्रांसफर की प्रक्रिया मेरिट के आधार पर की जायेगी। जिस कर्मचारी का काम सबसे बेहतर होगा, इसको उसकी इच्छा के अनुसार ट्रांसफर मिलेगा। लेकिन इसके लिए सम्बन्धित विभाग के विभागाध्यक्ष की सहमति जरुरी होगी। इसके अलावा जिस अधिकारी अथवा कर्मचारी का काम अच्छा नही होगा, उसका ट्रांसफर शासन कही भी कर सकता है।