रांची: झारखंड की राजधानी रांची से एक चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है यहाँ इटकी प्रखंड के खंभा गांव में पत्नी पुष्पा लकड़ा के मानसिक तौर पर बीमार होने पर उसके पति सोमरा लकड़ा ने अपने 2 महीने के बच्चे को एक वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज गांव में बेच दिया था। इधर, पुष्पा स्वस्थ होने के पश्चात् अपने बच्चे के लिए रो रही है। उधर, गोद लेने वाली मां बच्चा नहीं सौंपने की बात कहकर आंसू बहा रही है।
बृहस्पतिवार को इटकी थाना में माहौल ऐसा बना कि पुलिस के सामने असमंजस की स्थिति बन गई। हालांकि देर रात तक बच्चे को जन्म देने वाली मां को बच्चा नहीं सौंपा गया था। उधर, सोमरा लकड़ा ने बताया कि पत्नी के मानसिक तौर पर बीमार होने पर बच्चा भी बीमार हो गया। तत्पश्चात, उसकी मुलाकात कर्रा प्रखंड के कतरपा गांव की राखी देवी से हुई। राखी देवी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज गांव निवासी शिवकुमार से सोमरा को मिलवाया। शिवकुमार ने कोई संतान नहीं होने पर बच्चे को गोद लेने की इच्छा व्यक्त की। सोमरा ने चुपचाप पैसे लेकर कागजात पर हस्ताक्षर करके बच्चे को शिव कुमार तथा उसकी पत्नी को सौंप दिया।
शिवकुमार ने बताया कि 11 सितंबर 2022 को मैं और मेरी पत्नी ने बच्चा गोद लिया था। कतरपा की राखी देवी से उसका संपर्क हुआ था। राखी ने कहा कि सोमरा बच्चे को पालने में असमर्थ है। बाद में एक एग्रीमेंट बनाकर सहमति से बच्चे को गोद ले लिया। बच्चे को पीठ पर बांधकर सोमरा कतरपा गांव पहुंचा तथा वहीं बच्चे को सौंप दिया। जिस वक़्त बच्चे को गोद लिया था उस वक़्त उसकी मां बीमार थी। मैं अब इस बच्चे के बिना जिंदा नहीं रह सकूंगा। सोमरा लकड़ा ने कहा कि बच्चे को जन्म देने के पश्चात् उसकी पत्नी पुष्पा मानसिक तौर पर बीमार पड़ गई। गरीबी की वजह से वह बच्चे का लालन-पालन नहीं कर सकता था। इसलिए उसने शिवकुमार को सौंप दिया था। पुष्पा लकड़ा ने कहा कि बच्चे को जन्म देने बाद मैं बीमार हो गई। मेरे पति सोमरा ने दो महीने के बेटे को पैसा लेकर बेच दिया। इसकी खबर उसने नहीं दी। मैं जब ठीक हुई तब बच्चे को खोजना आरम्भ किया।