नई दिल्ली: फर्जी मोबाइल कॉल और एसएमएस (SMS) से हर यूजर्स परेशान रहता है. इस मुद्दे पर सरकार कुछ ऐसे कड़े नियम लेकर आने वाली है जिससे यूजर्स (Users) को इस परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के चेयरमैन ने उम्मीद जताई है कि फर्जी कॉल एवं संदेशों पर लगाम लगाने से संबंधित परामर्श पत्र पर व्यापक चर्चा के बाद नियमनों को जनवरी तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसके साथ ही कहा कि दूरसंचार विभाग के हालिया संदर्भ के आधार पर ट्राई टेलीमार्केटिंग कंपनियों aqके लिए नियामकीय ढांचे से संबंधित परामर्श पत्र को भी तैयार और जारी करेगा.
दूरसंचार नियामक के प्रमुख ने कहा कि फर्जी यानी स्पैम कॉल और दुर्भावनापूर्ण/ धोखाधड़ी वाले संदेशों से निपटने के लिए नियामक ने पिछले महीनों में जो कदम उठाए हैं वे महत्वपूर्ण हैं और प्रणाली को साफ-सुथरा बनाएंगे. लेकिन उन्होंने कहा कि ‘अभी और काम करने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘‘स्पैम कॉल एवं संदेशों पर हमारा परामर्श पत्र अगस्त के अंत में जारी किया गया था. हमें इसपर पहले ही टिप्पणियां मिल चुकी हैं और अब हम इनका विश्लेषण करेंगे और एक खुली चर्चा करेंगे. नियमों को अंतिम रूप देने में लगभग तीन महीने लगेंगे। इसलिए जनवरी के आसपास हम स्पैम पर अंकुश लगाने के लिए अद्यतन नियमन लेकर आएंगे.’’
ट्राई ने अगस्त में परामर्श पत्र जारी कर हितधारकों से यह पूछा था कि क्या एक निश्चित सीमा से अधिक कॉल और एसएमएस के लिए ऊंचे शुल्क का प्रावधान रखा जा सकता है. परामर्श पत्र में नियामक ने कहा कि 50 से अधिक कॉल करने वाले या प्रतिदिन 50 एसएमएस भेजने वाले दूरसंचार ग्राहकों की गणना संभावित परेशान कॉलर के रूप में की जानी चाहिए.
फिलहाल दूरसंचार सेवा प्रदाता ग्राहकों को असीमित कॉल के साथ कई प्लान की पेशकश करते हैं. ट्राई को ऐसा महसूस हुआ कि अलग-अलग शुल्क होने से बिना पंजीकरण वाले टेलीमार्केटर भी 10 अंक की संख्या का इस्तेमाल कर वाणिज्यिक संचार कर सकते हैं.