कभी साँपों के देश के रूप में ख्यात रहे भारत में आज भी साँप को दिखना एक आम बात है। ग्रामीण इलाकों में साँप को आए दिन देखा जाता है। कभी-कभार इनका इंसानों को काटने का समाचार भी सोशल मीडिया और अखबारों में पढ़ने को मिल जाता है। हाल ही में जी न्यूज ने समाचार दिया कि एक व्यक्ति की साँप के काटने से मौत हो गई। इस युवक के परिजन झाड़ फूंक में फंसे रहे और तो और उन्होंने युवक के जिंदा होने की आस में उसे नदी में इस उम्मीद में प्रवाहित कर दिया कि कोई तंत्र मंत्र ज्ञाता उसे देखकर उसे फिर से जिंदा कर देगा। इसके चलते उन्होंने उसका नाम पता तक उसके शव पर लिखकर चिपका दिया।
घटना पश्चिमी चंपारण के बगहा की है, जहां धनहा थाना क्षेत्र में एक युवक की मौत सांप काटने से हो गई है। उसके बाद झाड़ फूंक के टोटके कर शव को नारायणी नदी में प्रवाहित कर दिया गया। बुधवार की शाम को सांप ने डसा फिर झाड़-फूंक शुरू हो गई। गुरुवार को कुछ लोगों के राय देने पर युवक को बॉर्डर से सटे कुशीनगर के पडरौना जिला अस्पताल में दिखाया गया, जहां युवक को मृत घोषित कर दिया गया। लेकिन परिजन युवक को मृत मानने के लिए तैयार नहीं थे। शुक्रवार को दिनभर युवक का झाड़ फूंक किया गया। युवक के शरीर से जब बदबू आने लगी तो केले के धड़ पर रखकर उसे गंडक नदी में प्रवाहित कर दिया गया। परिजनों का मानना है कि इस तरह करने से नदी में शव बहते हुए जाएगा, इस दौरान कोई झाड़-फूंक करने वाला देख लेगा तो मृत युवक को जिंदा कर देगा। इतना ही नहीं जिस केले के धड़ पर युवक को रखकर पानी में बहाया गया है उस पर युवक का पता एक पेपर पर लिखकर लेमिनेशन कर लगा दिया गया है। यह इसलिए किया ताकि कोई जिंदा करें तो फिर उसे घर तक छोड़ जाए।
युवक की पहचान तमकुहा गांव निवासी आयोध्या प्रजापति के पुत्र भोले प्रजापति (31) के रूप में हुई है। युवक मिट्टी के बर्तन रखने के लिए अपने ही घर में बांस का मचान बना रहा था, तभी सांप ने डस लिया। इसके बाद परिवार वाले झाड़ फूक के चक्कर में पड़ गए। तमकुहा पंचायत के मुखिया फारुख अंसारी ने बताया कि सांप काटने से युवक की मौत हो चुकी है, फिर भी परिजन अभी झाड़ फूक के चक्कर में हैं. बताया गया कि मृत भोले प्रजापति की शादी विगत 5 वर्ष पहले चौतरवा थाना क्षेत्र के सिकटौर गढ़ैया गांव में हुई थी उसे एक 3 साल का बेटा भी है।