कानपुर, बनारस और लखनऊ के युवा फ्री में सीखेंगे फ्रांसीसी, स्पैनिश और जर्मन भाषा, योगी सरकार लाई स्कीम
लखनऊ : करियर में उन्नति के लिए युवाओं के कौशल को निखारकर उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए योगी सरकार नए-नए कार्यक्रम ला रही है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (यूपीएसडीएम) के तहत अनूठी पहल की गई है. इसके तहत लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, अयोध्या, प्रयागराज, झांसी और बांदा जिलों के छात्रों को विदेशी भाषाओं की ट्रेनिंग देने की तैयारी है.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और प्रोफेशनल्स को फ्रांसीसी, स्पैनिश और जर्मन भाषाओं में दक्षता हासिल कराना है, जिससे वे अपने प्रोफाइल में एक नई योग्यता को जोड़ सकें और करियर में उन्नति कर देश और विदेश में रोजगार के नए मौके हासिल कर सकें. यह ट्रेनिंग अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के विशेषज्ञ संकाय द्वारा दी जाएगी. इसका पूरा खर्च यूपी कौशल विकास मिशन उठाएगा. विदेशी भाषाओं के प्रशिक्षण सत्र इन सभी जिलों में होंगे, जिसकी कुल अवधि 192 घंटे होगी. इनका संचालन वीकेंड में होगा.
प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम उन छात्रों और प्रोफेशनल्स के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, जो अपने नियमित कामकाजी घंटों के अलावा अपने भाषा कौशल को बढ़ाना चाहते हैं. इसमें इंजीनियरिंग, पर्यटन और आतिथ्य प्रबंधन के स्नातक छात्र और फ्रांस, कनाडा जैसे फ्रेंच भाषी देशों में रोजगार की इच्छा रखने वाले नर्सिंग और हेल्थकेयर पेशेवर शामिल हैं.
विश्वविद्यालय की विशेषज्ञ फैकल्टी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के लिए जिलों का दौरा करेंगे. इसके माध्यम से छात्रों और प्रोफेशनल्स को अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे और साथ ही उनकी स्किल में भी इजाफा होगा. पहले चरण में 9 जिलों में इसकी शुरुआत की जा रही है, लेकिन मांग बढ़ने पर अन्य जिलों में भी इस तरह के कोर्स संचालित किए जा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन डायरेक्टर अभिषेक सिंह ने बताया कि सीटों की सीमित उपलब्धता को देखते हुए यह पहल प्रारंभिक रूप से नौ जिलों में शुरू की जा रही है. इसका हिस्सा बनने के लिए इच्छुक छात्र और प्रोफेशनल्स यूपीएसडीएम के पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं. मिशन डायरेक्टर ने इन सभी 9 जिलों के जिलाधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे अपने जिलों के संबंधित संस्थानों के छात्रों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि वे बिना कोई पैसा खर्च किए या फीस का भुगतान किए मुफ्त में विदेशी भाषाओं में प्रशिक्षित हो सकें और अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें.