हर जिले में होगा युवा टूरिज्म एवं कल्चर क्लब का गठन, उत्कर्षट प्रदर्शन करने वाले क्लब को मिलेगी 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि

0 242

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा है कि प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में युवा टूरिज्म एवं कल्चर क्लब का गठन होगा। इस क्लब में युवाओं को जोड़ते हुए विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां सम्पादित की जायेंगी। खासतौर से स्कूल, कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को शामिल किया जायेगा। जो क्लब उत्कर्षठ प्रदर्शन करेगा, उसको 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जायेगी। युवा क्लब के कार्यक्रमों के लिए शिक्षण संस्थानों की ऑडिटोरिम का उपयोग किया जायेगा।

जयवीर सिंह आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में पर्यटन विभाग की उपलब्धियां एवं समय-समय पर प्रमुख सचिव पर्यटन के साथ हुयी बैठकों एवं प्रस्तुतीकरण में लिये गये निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होने कहा कि युवा टूरिज्म एवं कल्चर कल्ब के गठन में जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस क्लब का मुख्य उद्देश्य युवाओं में छुपी प्रतिभाओं को निखार कर उन्हें मंच प्रदान करना है।

पर्यटन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले स्मारक, थीम पार्क, ऑडिटोरिम, ओपन एयर थियेटर आदि को जिला पर्यटन एवं संस्कृति विकास परिषद को सौंप दिया जाये। परिसर इनकी देख-रेख, टिकट, मरम्मत आदि का कार्य सम्पादित करेगी और जिससे इन संस्थानों का विभिन्न गतिविधियों के लिए बेहतर उपयोग हो सकेगा, उन्होने पर्यटन विभाग के अन्तर्गत निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतों को दिये जाने वाले वाद्य यंत्रों में हारमोनियम, ढोलक, मजीरा, झाझ एवं घुंघुरू शामिल होगा। उन्होने संस्कृति विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिये कि वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए इसमे किसी प्रकार की कमीशनबाजी की कोई जगह नहीं होगी। वाद्य यंत्र अच्छे संस्थानों से खरीदे जाये और इनकी गुणवत्ता की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि गांव के लोग खाली समय में इसके माध्यम से अपना मनोरंजन करेंगे, साथ ही लोकगीतों का संरक्षण भी हो सकेगा।

लोक संगीत के संरक्षण के लिए ग्रामीण अंचलों मे रहने वाले कलाकारों के पंजीकरण के संबध में उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कलाकारों का पंजीकरण पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जायेगा। पंजीकरण के लिए अधिक से अधिक कलाकार आगे आये, इसके लिए जिलाधिकारियों के माध्यम से जिला सूचना अधिकारी को इसके प्रचार-प्रसार हेतु सामग्री तैयार करके उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 25 करोड़ की आबादी में विभिन्न विधाओं के कलाकार मौजूद है। इनकों संस्कृति विभाग से जोड़कर विभिन्न अवसरों पर प्रदर्शन करने का मौका दिया जाये।

पर्यटन मंत्री ने संस्कृति विभाग के अन्तर्गत आने वाले सभी संस्थानों के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि सभी संस्थान अपनी विभिन्न गतिविधियों को जनपद स्तर तक ले जाये। इनके विभिन्न कार्य जनपदों में भी दिखायी देने चाहिए। इन्होने कहा की सभी संस्थान 31 मार्च तक के लिए प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों का कैलेण्डर तैयार करे ले। इसके लिए सभी जनपदों में जिलाधिकारि की अध्यक्षता में गठित पर्यटन एवं संस्कृति परिषद से भी समन्वय स्थापित करे। उन्होने गाँव की गौरव गाथा कार्यक्रम मे झांसी की तरह वाराणसी और गोरखपुर को भी पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में शामिल करे।

जयवीर सिंह ने निर्देश दिया कि प्रत्येक जनपद में स्थित पुस्तकालयों एवं संग्रहालयों की सूची भी तैयार की जाये। इन पुस्तकालयों में संस्कृति विभाग की विभिन्न गतिविधियों से संबधित पुस्तके अनिवार्य रूप से रखी जाये ताकि पाठकगण विभिन्न संस्थानों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होने निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के सभी कार्यक्रमों से संबधित 31 मार्च तक का कैलेण्डर तैयार करे। इसके साथ ही सभी संस्थान अपने-अपने डिग्री कोर्स चलाने पर मंथन करे। आवश्यकता होने पर वीजिटिंग फैक्लिटी के माध्यम से पठन-पाठन का कार्य शुरू कराये।

जयवीर सिंह ने उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी को फाइन आर्ट का कोर्स संचालित करने के निर्देश दिये उन्होने कहा कि इसकी शुरूआत कुछ बच्चों को लेकर की जा सकती है। इसके अलावा उन्होने विभागीय अधिकारियो को यह भी निर्देश दिये कि आजादी का अमृत महोत्सव की थीम पर राजकीय कथक संस्थान, संत कबीर अकादमी, लोक जनजातीय कला एवं संस्कृति संस्थान कार्यक्रम तैयार करे।

प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने संस्थानों को निर्देश दिया कि पठन-पाठन की गतिविधियों एवं अन्य कोर्सों के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों से एमओयू हस्ताक्षरित करे। इसके अलावा हर संग्रहालय बुकलेट छपवाकर संग्रहालय के बारे में पूरी जानकारी दर्शकों तक पहुचाने का प्रयास करे। बैठक में प्रबन्ध निदेशक पर्यटन विकास निगम श्री अश्विनी कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव संस्कृति श्री आनन्द कुमार सिंह, निदेशक सूचना एवं संस्कृति श्री शिशिर जी के अलावा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.